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भारतीय सैनिक!

भारतीय सैनिक!

मौत  सदा  जिनसे है डरती,वो सेना  में जाते हैं। 
चढ़ती मूल  जवानी को  देश के नाम ये करते हैं।
मीठी करवट क्या जाने,माइनसडिग्री में सोते हैं। 
बैरी  को  नचाते  हाथों पे,खून की नदी बहाते हैं।   

इतिहास सदा गढ़ते सैनिक,नेत्र में मस्ती रखते हैं।   
है  ईमान  इनकी पूँजी, पैसे  को धूल  समझते  हैं।   
हार का स्वाद ये क्या जाने,लड़ते हैं सीधे प्रलय से,  
छेद डालते  नीलगगन, कर में जल-थल रखते हैं।    

बूँद-बूँद  खूनों से  अपने, सरहद  सींचा  करते  हैं।         
गोली  को  अड़ाते  वक्षों से, हुंकार  सदा  भरते हैं।          
चप्पे-चप्पे पर रखके नजर,करते देश की रखवाली,         
जब चलते हैं मेरे  सैनिक, दुश्मन के दिल हिलते हैं।

गाँव के मेले, गाँव की कुश्ती,याद इन्हें भी आती है।      
रंग लगाए बिना वो  होली,गाँव लौट  फिर जाती है।
इनकी गाथा लिखने  में नभ भी पड़ जाता है छोटा।
ऐसे अपने  सपूतों  पर  मां  फूला  नहीं  समाती  है।

भोग छोड़के जीवन का ये बलिदानी डगर चलते हैं।
हर सांस में बसता है तिरंगा,नजर उसी पे रखते हैं।
देते शहादत जब अपनी तिरंगे में लौट के आते हैं। 
मरकर ये सैनिक नहीं मरते,कोख अमर करते हैं।

    रामकेश एम.यादव(कवि,साहित्कार),मुंबई

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6 Comments

Abhinav ji

27-Mar-2023 08:51 AM

Very nice 👌👍

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Gunjan Kamal

27-Mar-2023 07:23 AM

बेहतरीन

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Varsha_Upadhyay

26-Mar-2023 08:25 PM

बेहतरीन

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